एमसीयू में प्रदर्शनी : "सौ साल, सौ सुर्खियां"


दुर्लभ फ्रंट पेजों से जीवंत हुआ मीडिया का इतिहास

🖊️ भोपाल |✍️सप्तग्रह रिपोर्टर 

प्रदर्शनी का आगाज़

पत्रकारिता के विद्यार्थियों को मीडिया का सौ साल का सफर दिखाने के उद्देश्य से माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) में “हिस्ट्री इन हैडलाइंस : 100 साल, 100 सुर्खियां” शीर्षक से विशेष प्रदर्शनी शुरू हुई।

इसमें 1920 से 2024 तक देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को दर्शाने वाले प्रमुख अखबारों के 100 फ्रंट पेज (3 फीट आकार में) प्रदर्शित किए गए हैं।


इतिहास की झलकियां

  • जालियावाला बाग नरसंहार
  • भगत सिंह की फांसी
  • 15 अगस्त 1947 : स्वतंत्रता की घोषणा
  • महात्मा गांधी की हत्या
  • भारत-चीन युद्ध
  • आपातकाल
  • भारत का चाँद तक पहुँचना

ये घटनाएं पन्नों पर मानो जीवंत दस्तावेज़ बनकर सामने आईं।


उद्घाटन अवसर पर उपस्थित रहे

प्रफुल्ल केतकर (संपादक, ऑर्गेनाइजर)

मनोज श्रीवास्तव (प्रदेश के चुनाव आयुक्त)

श्रीराम तिवारी (संस्कृति सलाहकार)

डॉ. मुकेश मिश्रा (निदेशक, दत्तोपंत ठेंगड़ी शोध संस्थान)

कुलगुरु की पहल

एमसीयू के कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी ने कहा कि प्रदर्शनी में ब्रिटिश भारत से लेकर आजाद भारत तक के दुर्लभ पन्ने संजोए गए हैं। इनके आधार पर आगे चलकर मीडिया विकास की विशेष गैलरी तैयार की जाएगी।


विशेषज्ञों के विचार

  • प्रफुल्ल केतकर : “यह सिर्फ अखबारों के मुखपृष्ठ नहीं, बल्कि भारतीय पत्रकारिता का जीवंत इतिहास है।”
  • मनोज श्रीवास्तव : “यह घटनाओं का दस्तावेज़ है और पत्रकारिता के बदलते स्वरूप को जानने का अवसर।”
  • श्रीराम तिवारी : “विद्यार्थियों को इतिहास से जोड़ने वाला अनूठा प्रयास।”
  • डॉ. मिश्रा : “शोध और संदर्भ की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी।”

दुर्लभ अखबार भी शामिल

प्रदर्शनी में उदंत मार्तंड, कर्मवीर, वीर अर्जुन, लीडर, भारत, संसार, अमर उजाला, नई दुनिया, दैनिक जागरण, स्वदेश, फ्री प्रेस, राजस्थान पत्रिका, दैनिक भास्कर, युग धर्म, अमृत बाजार पत्रिका सहित कई अखबारों के प्रमुख फ्रंट पेज शामिल हैं।

इनमें से कुछ अखबार अब इतिहास बन चुके हैं, जबकि कुछ आज भी प्रकाशित हो रहे हैं।








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