"मातृ-पितृ भक्ति दिवस" पर होगा बुजुर्गों का सम्मान और सेवा कार्यों का आयोजन


  • स्व. कैलाश सारंग की जयंती पर सुभाष नगर मैदान में सामूहिक विवाह सम्मेलन, मुख्यमंत्री सहित कई विशिष्ट अतिथि रहेंगे मौजूद

भोपाल | भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य, वरिष्ठ विचारक और पूर्व राज्यसभा सांसद स्वर्गीय कैलाश नारायण सारंग की जयंती पर इस वर्ष भी "मातृ-पितृ भक्ति दिवस" का आयोजन श्रद्धा और सम्मान के साथ किया जा रहा है। राजधानी के सुभाष नगर खेल मैदान में इस अवसर पर "बुजुर्गों का सम्मान समारोह" और "सामूहिक विवाह सम्मेलन" का भव्य आयोजन किया जाएगा।

इस समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।

सेवा और संस्कार की प्रेरणा बने स्व. कैलाश सारंग

प्रदेश के सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने बताया कि उनके पूज्य पिता स्व. कैलाश सारंग ने जीवनभर जनसेवा, राष्ट्रसेवा और सांस्कृतिक मूल्यों की स्थापना को अपना ध्येय बनाया। उनका मानना था कि

>“जिस समाज में माता-पिता और बुजुर्गों का सम्मान नहीं होता, वह संस्कृति जीवित नहीं रह सकती।”

इसी विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए उनकी स्मृति में यह दिन "मातृ-पितृ भक्ति दिवस" के रूप में मनाया जाता है।

सम्मान, सेवा और संवेदना से जुड़ा आयोजन

मंत्री सारंग ने कहा,

> “आज की पीढ़ी जब तकनीक और भागदौड़ में व्यस्त है, तब जरूरी है कि हम उन्हें अपनी जड़ों और संस्कारों से जोड़ें।

इस उद्देश्य से यह दिवस समाज के समस्त बुजुर्गों को समर्पित है, ताकि युवा पीढ़ी उनके योगदान को पहचाने और सम्मान देना सीखे। यह आयोजन महज एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज में बुजुर्गों के प्रति स्थायी संवेदना जगाने का प्रयास है।

नरेला विधानसभा में होंगे जनसेवा के कार्यक्रम

स्व. कैलाश सारंग की पुण्यतिथि पर नरेला विधानसभा के सभी 17 वार्डों में शरबत वितरण और अन्य सेवा कार्यों का आयोजन किया जाएगा। मंत्री सारंग ने बताया कि यह पहल सिर्फ गर्मी से राहत देने का माध्यम नहीं, बल्कि सेवा भाव का सीधा संवाद है, जो आमजन से आत्मीय संबंध स्थापित करता है।

सेवा प्रकल्प, जो आज भी समाज को कर रहे समर्पित

स्व. सारंग द्वारा स्थापित कई जनकल्याण योजनाएं आज भी सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। उन्होंने:

बरेली (जिला रायसेन) में एक वृद्धाश्रम की स्थापना की, जहाँ असहाय बुजुर्गों को ससम्मान जीवन जीने की सुविधा मिलती है।

घाटपिपरिया में नर्मदा परिक्रमावासियों के लिए विश्राम आश्रम की नींव रखी, जहाँ ठहरने, भोजन और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं।

ये प्रकल्प उनकी सेवा भावना की जीवंत मिसाल हैं, जो आज भी समाज को प्रेरित कर रहे हैं।

सारंग जी की विरासत: श्रद्धा, सेवा और संस्कार

स्व. कैलाश सारंग की जयंती केवल स्मरण का अवसर नहीं, बल्कि संस्कार, सेवा और संवेदना की पुनर्प्रतिष्ठा का दिन है।

यह आयोजन एक संदेश है कि बुजुर्ग केवल अतीत की गाथा नहीं, बल्कि वर्तमान की आत्मा और भविष्य की प्रेरणा हैं।

इस अवसर पर समाज को मानवीय मूल्यों से जोड़ने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है।

लेखक: [www.saptgrah.page] | संपर्क: nqbplmp@gmail.com 

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