समाजसेवी शेख बख्तावर का इंतकाल, खरगोन ने खोया एक कर्मठ जनसेवक
- शहर में शोक की लहर, पत्रकारिता और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोगों ने दी श्रद्धांजलि
ख़िराज-ए-अकीदत |✍️नौशाद कुरैशी
खरगोन शहर के प्रख्यात समाजसेवी और जनसेवा के प्रति समर्पित व्यक्तित्व शेख बख्तावर (बकू दादा) का 78 वर्ष की आयु में शनिवार को निधन हो गया। उनके इंतकाल की ख़बर से पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई। सामाजिक कार्यों और मानवीय सेवाओं के लिए जाने जाने वाले बख्तावर साहब ने जीवनभर लोगों की निःस्वार्थ सहायता की और समाज को सकारात्मक दिशा देने में योगदान दिया।
आप शेख ज़फ़र (इंडसइंड बैंक) और शेख ज़ाहिद के पिता थे। साथ ही वरिष्ठ पत्रकार सैयद रिज़वान अली (बाकानेर) तथा आज़म खान (वीआईपी साइकिल कंपनी, खरगोन) के ससुर थे। परिवारजनों के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया है।
श्रद्धांजलियों का क्रम
शेख बख्तावर की सादगी, संवेदनशीलता और सेवा भाव के चलते वे शहर की सामाजिक चेतना के केंद्र में रहे। उनके इंतकाल पर प्रेस क्लब (रजि) मनावर, प्रेस क्लब बाकानेर, पत्रकार संगठनों, धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है। सभी ने दिवंगत पुण्यात्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ईश्वर से प्रार्थना की कि उन्हें जन्नतुल फिरदौस में आला मक़ाम अता करे और परिजनों को यह ग़म सहन करने की ताक़त मिले।
जनसेवा का समर्पित जीवन
बख्तावर साहब ने अपने जीवनकाल में अनेक ज़रूरतमंदों की मदद की। चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो, स्वास्थ्य सेवा हो या गरीबों की सहायता – वे हर वर्ग की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। उनका घर लोगों के लिए एक भरोसेमंद ठिकाना था जहाँ से हर कोई सहारा लेकर लौटता था।
अंतिम संस्कार
जानकारी के अनुसार उनका अंतिम संस्कार शनिवार शाम को खरगोन स्थित कब्रिस्तान में पारिवारिक एवं सामाजिक जनों की उपस्थिति में धार्मिक रीति से संपन्न हुआ। इस अवसर पर शहर के अनेक गणमान्य नागरिक, समाजसेवी, पत्रकार, व्यापारी व राजनेता भी उपस्थित रहे।
स्मृति शेष
बकू दादा की कमी न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे खरगोन नगर को लंबे समय तक महसूस होती रहेगी। वे उन चंद लोगों में से थे जिनकी मौजूदगी स्वयं में एक राहत होती थी।
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