काव्य गोष्ठी में बिखरे कृष्ण भक्ति के रंग
- डॉ. वासिफ़ काज़ी ने अपनी रचनाओं से फिर जीता दिल
इंदौर|सैयद रिजवान अली
ईद, गुड़ी पड़वा, महावीर जयंती, डॉ. अंबेडकर जयंती और बैसाखी जैसे उल्लास पर्वों के उपरांत साहित्यिक संस्था श्रीसाहित्य सभा एवं साहित्य संवाद संस्था द्वारा संयुक्त रूप से अग्रसेन धाम राधाकृष्ण मंदिर परिसर में एक भव्य काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शहर के प्रतिष्ठित रचनाकारों ने भाग लिया और अपने उत्कृष्ट काव्य पाठ से कार्यक्रम को सार्थकता प्रदान की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं अध्यक्ष वरिष्ठ गीतकार-कवि चकोर चतुर्वेदी रहे। राधाकृष्ण मंदिर परिसर में आयोजित इस गोष्ठी में रचनाकारों ने श्रीकृष्ण भक्ति पर केंद्रित कविताओं के माध्यम से अपनी श्रद्धा अर्पित की। कार्यक्रम में डॉ. कृष्णा जोशी ने भगवान श्रीकृष्ण की भावमयी स्तुति प्रस्तुत की, वहीं वंदना मौर्य ने अपनी सरल, सशक्त एवं अर्थपूर्ण रचनाओं से श्रोताओं का मन मोह लिया।
शहर की ख्यात ग़ज़लकार राखी जैन ने समसामयिक विषयों पर आधारित ग़ज़लों और मुक्तकों से अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई। गोष्ठी की विशेष प्रस्तुति रहे साहित्यकार व शायर डॉ. वासिफ़ काज़ी, जिन्होंने भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण पर केंद्रित भावपूर्ण मुक्तकों से सभी का दिल जीत लिया। एक मुस्लिम साहित्यकार होने के बावजूद डॉ. काज़ी की श्रीराम और श्रीकृष्ण के प्रति आस्था उनकी रचनाओं में स्पष्ट झलकती है। उन्होंने माँ पर लिखी अपनी एक मार्मिक नज़्म भी सुनाई, जिसने श्रोताओं को भावुक कर दिया। उनकी इस प्रस्तुति को चकोर चतुर्वेदी सहित सभी रचनाकारों से विशेष सराहना प्राप्त हुई।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में डॉ. नरेंद्र उपाध्याय 'नैन' ने अपने गीतों में श्रृंगार, वात्सल्य और विरह रस की त्रिवेणी प्रवाहित कर दी। अंत में आभार प्रदर्शन चकोर चतुर्वेदी और डॉ. उपाध्याय ने संयुक्त रूप से किया। सभी की विशेष मांग पर चकोर चतुर्वेदी ने भी अपनी कुछ ग़ज़लों के शेर सुनाकर गोष्ठी को गरिमा प्रदान की।
यह आयोजन न केवल साहित्यिक समर्पण का उदाहरण बना, बल्कि सांस्कृतिक एकता और भक्ति भावना का सुंदर समन्वय भी प्रस्तुत करता है।
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